Thursday, May 14, 2020

बहुमुखी समाज









समाज कहता है नारी का सम्मान करो, दिख जाए तो प्रणाम करो ;

वो अर्धशक्ति है, नतमस्तक हो कर नमस्कार करो।

पर जब वो आधी रात को अर्द्धवस्त्रो में दोस्तों के पास जाई ,

उसकी माँ उसे समझती है, समाज बहोत ख़राब है, थोड़ा तो लिहाज करो।।






समाज हमको सिखाता है गरीबो में तुम दान करो।

फिर वही समाज हमें शोध करके बताता है उनको भीख देकर उनका मत प्रोतसाहन करो,

तुम ना ये पाप करो।।








समाज हमें सिखाता है तुम ना शराब का सेवन या धूम्रपान करो।

फिर जब कोई बच्चा बोले कि इसके कारखाने बंद कराने के लिए क्यों ना हम हड़ताल करे,

तो वही समाज उन्हें जोर से चाटा लगाता है और धीरे से फुसफुसा के बताता है सबसे ज्यादा कर तो इसी से आता है।।



आखिर कैसा है ये समाज और कौन इसे बनाता है ?

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